ऐ मेरे वतन के लोगो
जरा आंख में भर लो पानी
जो शहीद हुए है उनकी ज़रा
याद करो क़ुरबानी….
जैसे भावपूर्ण गीत को शब्द देने वाले कवि प्रदीप का जन्म आज के ही दिन हुआ था। कवि प्रदीप नाम से पुकारे जाने वाले देशभक्ति गीतकार का पूरा नाम रामचन्द्र नारायण द्विवेदी था। 26 जनवरी 1963 को लाता मंगेशकर द्वारा गए गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ ने जवाहरलाल नेहरू के आंखों में भी पानी ला दिया था। शब्दों की खेल में जो जादू है वो कवि प्रदीप भलिभांति जानते थे।
6 फरवरी 1914 को उज्जैन
बदनगर में जन्में कवि प्रदीप ने कई बेहतरीन गीत दिए। “आओ बच्चों तुम्हें दिखये” हो या ” दे दो हमे आज़ादी बिना खडग बिना ढाल” हर एक में शब्दों की नायाब प्रस्तुति है। 50वर्षों के करियर में 1700 गीत लिखा इन्होंने। 1940 में बनी फिल्म बंधन से पहचान मिली। इन्हें 1961 में संगीत नाटक अकादमी सम्मान और 1997 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया। देशभक्ति के महान गीतकार ने 11 दिसंबर 1998 को अन्तिम सांस ली। लेकिन वो आज भी अपनी गीतों में जिंदा है।
आराध्या हर्षिता
गोड्डा, झारखंड
0 comments on “ऐ मेरे वतन के लोगों : प्रदीप”